#Lathi/Jaisalmer News: जैसलमेर के लाठी गाँव में मंगलवार को आठ फीट लंबा और 9 किलो वजनी रेड सेंड बोआ “दोमुंहा सांप” दुर्लभ प्रजाति का सांप (Red Sand Boa Snake) देखने के लिए ग्रामीणों और बच्चों में बहुत उत्सुकता देखी गई.
लाठी गाँव में देखा गया सांप 9 किलो का है जबकि सामान्यतया रेड सेंड बोआ ढाई से तीन फीट लंबा और चार किलो वजन का होता है.
ग्रामीणों के अनुसार ये दो मुंह वाला सांप (Two Mouth Snake) बहुत कम देखने में मिलता हैं.अधिकतर ग्रामीण इस विषहीन सांप को जहरीला समझ मार देते है. जबकि मदारी के बच्चे इसे पिटारी में ड़ाल कर लोगो को तमाशा दिखा पैसे वसूल करते देखें जाते है.
जैसलमेर के स्नेक कैचेर मुन्ना भाई उर्फ़ विकास मोहता अब तक कई किंग कोबरा, रेड सैंड बोआ और अन्य सांपो का जीवन बचा चुके है.
ऐसा माना जाता है की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रेड सेंड बोआ सांप की कीमत करीब 50 लाख रूपये यानी कि लगभग 7000$ है, जिसकी वजह से इस सांप पर मुसीबत आ जाती है. लोग इसकी तस्करी कर करोडपति बनने के सपने देखते है.
मुंबई में पुलिस ने तस्कर से पकड़ा 50 लाख का रेड सेंड बोआ सांप
कल ही नवी मुंबई के पनवेल इलाके के पास लगे एक वन्यजीव बाजार से एक रेड सेंड बोआ जब्त किया गया है, इसकी कीमत 50 लाख रुपये बतायी गयी है.
पुलिस सहायक निरिक्षक नीलेश राणे ने बताया कि इस सांप को बेचने की कोशिश कर रहे, 20 वर्षीय जाधव नाम के व्यक्ति को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

विषहीन होता है दो मुंह वाला रेड सेंड बोआ पर इस खासियत के कारण लाखों में बिकता है
रेड सेंड बोआ मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान (Pakistan)और ईरान में पाए जाते है. इसे इंग्लिश में Red Sand Boa, Indian Sand Boa, John’s Sand Boa, Blunt-tailed Sand Boa तथा Brown Sand Boa कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Eryx johnii है.
भारत में इसे अलग अलग जगह पर भिन्न भिन्न नाम से जाना जाता है, रेड सैंड बोआ को मांडूळ,दुतोंड्या, माटीखाया, मालण, दो मुंह वाला, दो मोंडो रो नाग आदि से भी जानते है.
ये सांप विषहीन होता है और सामान्यतया चूहे और दुसरे सांपो को खाकर गुजारा करता है.शर्मीले किस्म का ये सांप रात्रिचर और आलसी होता है. खुद का बिल बनाने के बजाय चूहों और अन्य सांपो के बिल पर कब्जा जमा लेता है.
इसकी पूँछ का आकार इसके दो मुंह वाला सांप होने का भ्रम पैदा करता है जो इसे भयानक बनाकर इसके दुश्मनों से इसकी रक्षा करता है और शिकार को भी छलावा देता है.
शिकार पूँछ को मुंह समझकर प्रतिक्रिया देता है तब तक ये उसे असली मुंह से दबोच लेता है. ये गहरे लाल, भूरे और काले रंग में पाया जाता है.
टोनो टोटकों और सौन्दर्य प्रसाधनों व् दवाइयों में इसके प्रयोग के चलते व् मांस के लिए भी इसकी तस्करी होती है. ये वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के तहत सांप की संरक्षित प्रजाति है.
सर्प विशेषज्ञ से जानिये Red Sand Boa की पूरी जानकारी
सर्प विशेषज्ञ आकाश जाधव (Sarp Mitra Aakash Jhadhav) ने अपने यूट्यूब चैनल पर रेड सेंड बोआ सांप की पूरी जानकारी दी है.
एक और सर्प विशेषज्ञ मोबारक स्नैक सेवर ( Mobarak Snake Saver) ने लोगो से अपील की है कि अन्धविश्वास में ना पड़े और इस सांप को ना पकड़े.
रेड सेंड बोआ पर एक और विडियो देखें :
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