Check ✅ The Highlights ↕
Jaipur (Rajasthan). राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर (Rajasthan High Court Jaipur) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह निर्णय दिया है कि शादीशुदा व्यक्ति का किसी दूसरे से संबंध बनाना अपराध नहीं है।
पत्नी दूसरे के साथ Live in Relationship में रहने लगी थी
दरअसल, एक पति ने अर्जी में कहा कि उसने 2021 में भरतपुर में पत्नी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। उसकी एफआईआर को आरोपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन अन्य केस में जेल में बंद रहने के कारण वह अपना पक्ष नहीं रख पाया। जबकि हाईकोर्ट ने 24 मई 2022 को उसकी एफआईआर रद्द कर दी। उसने मामला रिकॉल करने का आग्रह किया।
उधर पत्नी ने भी पेश होकर कहा कि वह अपनी इच्छा से गई है और प्रेमी के साथ रिलेशनशिप में है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर पति की एप्लीकेशन खारिज कर दी।
Live in Relationship पर हाईकोर्ट का ऑर्डर
इस आदेश के अनुसार, यदि एक व्यक्ति शादी के बाद अपने जीवनसाथी के साथ लिव इन (Live in Relationship) में रहता है, तो वह आईपीसी की धारा 494 के अंतर्गत अपराधी नहीं माना जाएगा। इस आदेश को जस्टिस बीरेन्द्र कुमार ने जारी किया।
अदालत ने यह भी कहा कि शारीरिक संबंध विवाहित जोड़ों के बीच ही होने चाहिए, लेकिन यदि वयस्क व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक अपने वैवाहिक संबंधों के बाहर संबंधों में शामिल होता है, तो यह किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
यह आदेश जैसा कि रिपोर्ट में उल्लिखित है, एक मामले में जारी किया गया जब एक पति ने अपनी पत्नी के अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उसकी एफआईआर को रद्द कर दिया और उसकी अपील को खारिज किया।
इस आदेश से स्पष्ट होता है कि अब लोगों को अपने व्यक्तिगत जीवन के मामलों में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और यह उन्हें संबंधों के आधार पर अधिक निर्णय लेने की स्वतंत्रता देगा।