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Hanumangarh ( Rajasthan) : निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षण सामग्री के नाम पर अभिभावकों से वसूली जा रही मोटी रकम ने टिब्बी क्षेत्र (Tibbi Hanumangarh) के लोगों को चिंतित कर दिया है। इन संस्थानों द्वारा इंग्लिश मीडियम की पुस्तकों के लिए कुछ चिन्हित दुकानों पर ही पब्लिकेशन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जिसके कारण अभिभावकों को मजबूरी में महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही हैं।
अलग-अलग स्कूलों की किताबें भी अलग-अलग
यहां तक कि अलग-अलग स्कूलों की किताबें भी अलग-अलग हैं, और वे भी सीमित दुकानों पर ही उपलब्ध हैं। प्रथम कक्षा की पुस्तकों का मूल्य भी हजारों में है, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही शिक्षा का प्रतीक है।
मजबूरी में महंगी किताबें लेने को मजबूर अभिभावक
मजबूरी में अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भारी बोझ पड़ रहा है। इस संबंध में जब संबंधित अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप नाम भिजवाओ, जांच करवा लेंगे। शिक्षा विभाग भी इस मामले में आंखें मूंदे हुए बैठा है।
यह लूट कब तक चलेगी?
यह लूट कब तक चलेगी? शिक्षा विभाग को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और निजी शिक्षण संस्थानों पर अंकुश लगाना चाहिए। अभिभावकों को भी इस लूट के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की मांग करनी चाहिए।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि:
- कुछ निजी शिक्षण संस्थान अपनी मनमानी से शिक्षण शुल्क भी बढ़ा रहे हैं।
- कई स्कूलों में बच्चों को महंगे ड्रेस और स्टेशनरी खरीदने के लिए भी मजबूर किया जाता है।
- शिक्षा विभाग इन मामलों में उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है।
यह सब शिक्षा के व्यावसायीकरण का परिणाम है। शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।