ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (Om Aing Hreeng Kleeng) बहुत ही ज्यादा शक्ति वाला बीज मंत्र (Powerful Beej Mantra) है ।
इस मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (Om Aing Hreeng Kleeng) में पुरुष और प्रकृति (Purusha And Prakriti) की सभी शक्तियां (Powers) निहित है अर्थात परमपिता परमात्मा (God) और उसकी समस्त माया (Maya) का रहस्य इसमें है ।
बीज मंत्रों (Beej Mantra) का सीधा उच्चारण या जप (Chanting) हर कोई नहीं कर सकता क्यूंकि इससे साधक (Seeker) को भारी नुकसान (Harm) हो सकता है ।
बीज मंत्र (Beej Mantra) संबधित देवी देवता (God-Godess) से सीधे जुड़े होते है और शरीर में स्थित कुंडलिनी शक्ति (Kundalini Shakti) के चक्रों पर प्रभाव डालते है ।
बीज मंत्रों का तात्पर्य छोटे मंत्रों (Short Mantra) है। ये महज एक शब्द (One Word Mantra) के होते हैं। बीज मंत्रों के बारे में कहा जाता है कि ये अत्यन्त छोटे लेकिन बड़े प्रभावशाली होते हैं।
बीज मंत्र पूरे मंत्र का छोटा रूप (Small Mantra) होता है। जैसे कि आप सब जानते हैं कि 1 बीज बोने से पेड़ निकलता है उसी प्रकार बीज मंत्र का जाप (Chanting Mantra) करने से हर प्रकार की समस्या का समाधान (Solution Of Problem) हो जाता हैं।
इसलिए बीज मंत्रों के साथ छेडछाड करने से शरीर में उर्जा की भयंकर उत्पति होने से कुंडलिनी शक्ति जागृत (Kundalini Shakti Awakening) हो जाती है बिना गुरु के साधना करने से साधक मंत्र के प्रभाव से विक्षिप्त हो सकता है अथवा मृत्यु हो सकती है ।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (Om Aing Hreeng Kleeng) मंत्र का अर्थ (Meaning) क्या है ?
समस्त जगत परब्रह्म की शक्ति है तथा वस्तुतः ब्रह्म की सत् शक्ति के आधार पर भौतिक सृष्टि की प्रतीति हो रही है, चित्त में चेतन जगत् की प्रतीति, आनंद से जगत् में प्रियता की प्रतीति है। इस प्रकार जगत् सत्, चित्, आनंद रूप ही है, भ्रम से अन्य प्रतीत होता है।
- ॐ – उस परब्रह्म का सूचक है जिससे यह समस्त जगत व्याप्त हो रहा है।
- ॐ- मूल बीज मंत्रहोता है जिसे आगे कई अलग बीज में बांटा जाता है- योग बीज, तेजो बीज, शांति बीज, रक्षा बीज । ये सब बीज इस प्रकार जापे जाते हैं- ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं,हलीं, त्रीं,क्ष्रौं, धं,हं,रां, यं, क्षं, तं ।
- ऐं – यह वाणी, ऐश्वर्य, बुद्धि तथा ज्ञान प्रदात्री माता सरस्वती का बीज मन्त्र है। इस बीज मन्त्र का जापक विद्वान हो जाता है।
- ऐं – (ऐ, अनुस्वार) ऐ- सरस्वती, अनुस्वार-दुःखहरण। अर्थात हे सरस्वती मेरे दुखों का अर्थात अविद्या का नाश करें।
- ऐं -(वागभवबीज या सारस्वत बीज) इस वाग्भवबीज में- ऐ = सरस्वती, नाद = जगन्माता और बिंदु = दुखहरण है। इस प्रकार इस बीज का अर्थ है- ‘जगन्माता सरस्वती मेरे दुख दूर करें।’
- ऐ ।- सरस्वती, नाद- जगन्माता और बिंदु- दुखहरण है। इसका अर्थ है- जगन्माता सरस्वती मेरे दुख दूर करें। इस बीज मंत्र के जप से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और विद्या, कला के क्षेत्र में व्यक्ति दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता चला जाता है।
- ऐं- बीज मंत्र को गुरु बीज मंत्र कहा जाता है। इसे देवी सरस्वती का बीज मंत्र माना गया है। कहते हैं कि इस बीज मंत्र के जाप से विद्या, बुद्धि और परीक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- ह्रीं – यह ऐश्वर्य, धन ,माया प्रदान करने वाली माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र है।
- ह्रीं- यह शक्ति बीज अथवा माया बीज है। (ह, र, ई, नाद, बिंदु) ह-शिव, र-प्रकृति, ई-महामाया, नाद-विश्वमाता, बिंदु-दुःख हर्ता। अर्थात शिवयुक्त विश्वमाता मेरे दुखों का हरण करें।
- क्लीं— यह शत्रुनाशक, दुर्गति नाशिनी महाकाली का बीज मन्त्र है।
- क्लीं- इसे काम बीज कहते हैं। (क, ल, ई अनुस्वार) क-कृष्ण अथवा काम, ल- इंद्र, ई-तुष्टि भाव, अनुस्वार-सुख दाता। अर्थात कामदेव रूप श्री कृष्ण मुझे सुख-सौभाग्य दें।
- क्लीं -(कामबीज या कृष्णबीज) इस कामबीज में क = योगस्त या श्रीकृष्ण, ल = दिव्यतेज, ई = योगीश्वरी या योगेश्वर एवं बिंदु = दुखहरण। इस प्रकार इस कामबीज का अर्थ है- ‘राजराजेश्वरी योगमाया मेरे दुख दूर करें।
- क्लीं- को काली बीज मंत्र कहा जाता है। काली बीज मंत्र के जाप से शक्ति, यश, रोजगार और बिजनेस के क्षेत्र में तरक्की होने की मान्यता है।
गुरु सियाग का संजीवनी बीज मंत्र (Guru Siyag Beej Mantra) गृहस्थ लोगो के त्रिविध ताप करता है दूर
अगर आप गृहस्थ जीवन (Household life) में है और आपको कोई आध्यात्मिक गुरु (Spritual Master) नहीं मिला है तो आपको गुरुदेव रामलाल जी सियाग (Gurudev Ramlal Ji Siyag) के विडियो से मंत्र दीक्षा (Mantra Deeksha) लेकर बीज मंत्र का जाप (Beej Mantra Chant) करना चाहिए ।
गुरुदेव रामलाल जी सियाग (Gurudev Ramlal Ji Siyag) को उनके गुरु बाबा श्री गंगाईनाथ जी योगी (Baba Shri Gangainath Ji Yogi) ने राधा और कृष्ण का बीज मंत्र (Radha-Krishan Beej Mantra) दिया और आदेश दिया कि गृहस्थ लोगो (Household People) का उद्धार (Deliverance) करो ।
क्यूंकि बाबा श्री गंगाईनाथ जी माँ दुर्गा के साधक थे और उन्हें रामकृष्ण परमहंस की तरह से महाशक्ति जगतमाता जगजननी माँ दुर्गा साक्षात दर्शन देती थी ।
बाबा ये जानते थे कि तंत्र मंत्र के चक्कर में साधारण गृहस्थ लोग अपने जीवन का अमूल्य समय नष्ट कर रहे है और बीज मंत्रो ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (Om Aing Hreeng Kleeng) की बिना दीक्षा के साधना से नुकसान उठा रहे है ।
इसलिए उन्होंने रामलाल जी सियाग को गृहस्थ लोगो के लिए एक बीज मंत्र दिया और पूरे विश्व में सभी धर्मो के लोगो तक पहुँचाने का आदेश दिया ।
इसलिए हमारी सलाह है कि सीधे ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (Om Aing Hreeng Kleeng) जैसे मंत्रो का जाप करने के बजाय आप गुरु सियाग के विडियो से सुनकर संजीवनी बीज मंत्र का जाप और ध्यान करें ।
गुरुदेव रामलाल जी सियाग का ऐतिहासिक शक्तिपात दीक्षा कार्यक्रम
संजीवनी मंत्र की शक्तिपात दीक्षा का विडियो देखें
बाबा श्री गंगाईनाथ जी योगी ( (Baba Shri Gangainath Ji Yogi) महावतार बाबा (Mahavatar Baba), नीम करौली बाबा (Neem Karuali Baba) और हेडा खान बाबा (Heda Khan Baba) की तरह सिद्धियों वाले एक आइपंथी नाथ (Aaipanthi Nath) थे ।
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