- बागवानी में लोह स्टैकिंग और बांस स्टैकिंग विधि का प्रयोग करें, 50 से 90 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी
Use Stacking Method In Horticulture : बागवानी की फसलों के फल व सब्जी के बढ़िया उत्पादन के लिए स्टैकिंग तकनीक (Stacking Technology) बहुत लाभकारी है। स्टैकिंग विधि से सब्जी व फल की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
स्टैकिंग तकनीक आधुनिक कृषि तकनीकों में से एक है। इसके प्रचार प्रसार के लिए हरियाणा सरकार स्टैकिंग विधि की लागत अनुसार 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।
लोह स्टैकिंग की लागत 1 लाख 41 हजार रुपए प्रति एकड़ पर 70500 से लेकर एक लाख 26 हजार रुपये की तथा बांस स्टैकिंग की लागत 62 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ पर 31250 से लेकर 56250 रुपये की अनुदान राशि हरियाणा सरकार दे रही है।
पुराने जमाने में लोग सब्जी की बेलों को जमीन पर ही पड़ी रखते थे जिसके कारण उनके पत्ते सड़कर गल जाते थे। इससे किसानों को सब्जी उत्पादन में बहुत नुकसान उठाना पड़ता था।
पौधों को सड़ने से बचाने के लिए ही स्टैकिंग तकनीक का ईजाद किया गया है खेती की इस आधुनिक तकनीक को अपनाने से किसानों को बहुत फायदा हो रहा है।
यदि मुख्य फसल के साथ-साथ सब्जियां भी उगाई जाती हैं तो ऐसे किसानों के लिए यह विधि उपयोगी होगी। इससे निश्चित तौर पर किसानों की आय में इजाफा होगा।
बागवानी में स्टैकिंग विधि क्या है ?
Stacking Meaning In Horticulture
स्टैकिंग का हिंदी अर्थ (Stacking Meaning In Hindi) होता है चीजों को सुव्यवस्थित ढंग से रखना, बागवानी में भी हम सब्जी की बेलों व पौधों को सुव्यवस्थित करते है यानि कि स्टैक करते है। इस विधि से यदि मुख्य फसल के साथ-साथ सब्जियां भी उगाई जाती हैं तो इससे निश्चित तौर पर किसानों की आय में इजाफा होगा।
बागवानी में स्टैकिंग कैसे की जाती है?
‘स्टैकिंग’ विधि में बांस या लोहे का उपयोग करके तार और रस्सी की जाली बनाई जाती है। उस पर पौधों की लताएँ फैली हुई रहती हैं।
यदि सब्जियों को स्टैकिंग विधि से लगाना है तो पहले 10 फीट ऊंची बांस की लकड़ी को 10 फीट की दूरी पर गाड़ देना चाहिए। इन बांसों को 10 गुणा 10 फीट की ऊंचाई पर गाड़ना होगा। फिर इस बांस की लकड़ी पर तार को 2-2 फीट की ऊंचाई से बांधना होगा।
फिर बेलों या पेड़ों को सुतली के सहारे तारों से बांधना होगा। ताकि उस तरफ लताएं या पेड़ उगें। इस तरह पेड़ों की ऊंचाई भी 8 फीट हो जाती है और उसके बाद पेड़ मजबूत हो जाते हैं और अधिक उपज देते हैं।

स्टैकिंग विधि के फायदे क्या है?
सब्जी व फलों के पौधे सहारा मिलने के कारण झुकते नहीं हैं। स्टैकिंग विधि की मदद से टमाटर, बैंगन, मिर्च, सड़न को रोका जा सकता है। बेलें फलों और सब्जियों के भारी भार को सहन नहीं कर सकतीं। अतः यह विधि बेलों को सहारा प्रदान करती है।
यदि फलों और सब्जियों को नमी में भिगोने के लिए छोड़ दिया जाता है, तो वे सड़ जाएंगे। लेकिन यह तरीका खतरे से बचाता है। इसके अलावा, फलों और सब्जियों के वजन के कारण बेलें टूट जाती हैं। लेकिन स्टैकिंग तकनीक इस जोखिम से भी बचाती है।
इस विधि को अपनाकर किसान बैंगन, टमाटर, मिर्च और कद्दू की खेती कर सकते हैं। किसान भाइयों के लिए बागवानी की यह विधि बहुत लाभ दायक है।
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