New Delhi: भारत में Satta Matka और Fantasy Game का कारोबार 2023 तक 150 करोड़ रूपये का हो जाएगा ऐसा नीति आयोग का मानना है.
भारत (India) में सट्टा (Satta) लगाना कानूनी अपराध (Legal offense) है। कई लोग फैंटेसी लीग (Fantasy Premier League) और अन्य ऐसे ऑनलाइन खेल (Online Game) जिसमें सीधे पैसा दांव (Straight money bets) पर लगाया जाता हो, उसे सट्टा (Betting) की श्रेणी में ही रखते हैं।
दरअसल, फैंटेसी लीग (Fantasy League) के प्रारूप को समझे बगैर ही कई लोग इसे सट्टा (Satta Batta) की श्रेणी में रख देते हैं।
आनलाइन खेलों (Online Games) के लिए लोगों को यह समझा पाना की यह सट्टा (Betting) नहीं कौशल (Skill) का खेल (Game) है, यह सबसे बड़ी चुनौती (The challenge) है। कई कंपनियां इस क्षेत्र(Online Games) में लगातार काम कर रही हैं।
जानकार कहते हैं कि यह विशेषज्ञता(Specialty) का खेल (Game) है। इसलिए इसे सट्टेबाजी (Betting) और जुए (Gambling) से अलग माना जाना चाहिए।
हाल ही में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स (Fantasy Sports) पर बैन लगाना समाधान (Solution) नहीं है। आयोग के मुताबिक इन प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने से तेजी से बढ़ते इस सेक्टर में इनोवेशन (Innovation) रुक जाएगा।
नीति आयोग ने अनुमान लगाया कि आने वाले समय में इस सेक्टर में बड़ा एफडीआइ निवेश (FDI investment) हो सकता है। साथ ही 2023 तक 150 करोड़ का आनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) इस इंडस्ट्री से हो सकता है।
News Source: Jansatta Newspaper
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