Rajasthan Government’s Journalist Financial Assistance Scheme: मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। मीडिया की सकारात्मक भूमिका सामाजिक बदलाव के लिए महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी ने कहा था कि पत्रकारिता का उद्देश्य मात्र सेवा ही होना चाहिए और पत्रकार का कर्तव्य है कि वह जनमानस को पढ़े और निर्भीक होकर उसे मुखर अभिव्यक्ति दे।
पत्रकार विपरीत परिस्थितियों में भी सच्चाई को सामने लाते है और अपनी पत्रकारिता से पीड़ितों को न्याय दिलाते है। यही वजह है कि राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के कल्याण, उत्थान व आर्थिक सहायता हेतु विभिन्न योजनाएं (Journalist Welfare Scheme) संचालित की जा रही है और वर्तमान राज्य सरकार पत्रकारों के कल्याण हेतु सदैव संवेदनशील रही है।
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही पत्रकार कल्याण योजनाओं (Journalist Welfare Scheme) का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों और उनके आश्रितों को आपातकालीन स्थितियों में आर्थिक रूप से सहायता करना है। इन योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार पत्रकार को पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ावा देना चाहती है और उनकी मदद करना चाहती है।
कोविड से मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की सहायता
राज्य सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत और गंभीर है। वर्तमान में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा अधिस्वीकृत पत्रकारों को कोरोना संक्रमित होने तथा इलाज के दौरान असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए आवेदन जिला कलेक्टर के माध्यम से किया जाता है।
राजस्थान पत्रकार और साहित्यकार कल्याण कोष का गठन
पत्रकारों को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये के कोरपस फण्ड के माध्यम से ‘राजस्थान पत्रकार और साहित्यकार कल्याण कोष’ का गठन किया गया है। कोष के माध्यम से पत्रकारों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है।
गम्भीर बीमारियों पर मिल रही है आर्थिक सहायता
राजस्थान पत्रकार और साहित्यकार कल्याण कोष नियम के तहत राज्य के पत्रकारों और साहित्यकारों अथवा दिवंगत पत्रकारों और साहित्यकारों के आश्रितों को वित्तीय सहायता दिये जाने का प्रावधान है। सभी प्रकार की गम्भीर बीमारियों जैसे कैंसर, कुष्ठ रोग, वाल्व रिप्लेसमेंट, एन्ज्योप्लास्टी, बाईपास सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लान्ट, ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्क एवं तंत्रिका संबंधी बीमारियां), मिर्गी के दौरे, दुर्घटना में गम्भीर घायल, गम्भीर संक्रमित बीमारी – ब्रेन इन्फेक्शन, फेफड़ों का संक्रमण, निमोनिया, शरीर के अन्य अंगों में गम्भीर संक्रमण, जनरल सर्जरी – (हर्निया, एपेंडिक्स, किडनी व गॉल बेल्डर में पथरी), गर्भावस्था (सीजेरियन) एवं महिला रोग संबंधित गम्भीर बीमारियां, अत्यधिक रक्त स्त्राव संबंधी बीमारियां, पक्षाघात, अस्थमा, अल्जाइमर, कोविड-19, थाराइड, इत्यादि गम्भीर बीमारियों के लिए 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है तथा विशेष परिस्थितियों में अधिकतम 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देय है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 12 पत्रकारों को 13 लाख 39 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
पत्रकारों के आश्रितों को भी मिल रही है वित्तीय सहायता
ऎसे पत्रकार और साहित्यकार जो अस्वस्थता के कारण बेरोजगार हैं तथा जिन्होंने 60 वर्ष की आयु पूणर्ं कर ली हैं, जिनके पास आय का अन्य कोई साधन नहीं है। उन्हें भी वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है। इसी प्रकार दिवंगत पत्रकारों और साहित्यकारों के आश्रितों जिनके पास आय का अन्य कोई साधन नहीं है और 25 वर्ष से कम आयु के बेरोजगार के पुत्र एवं अविवाहित पुत्री तथा उनके पिता व माता के पास यदि आय का अन्य कोई साधन नहीं है तो उन्हें भी वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।
Financial assistance scheme for journalists