Jaipur। राजस्थान के पशुपालन शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने पशुपालन डिप्लोमा परीक्षाओं में सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति की प्रथा को समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला परीक्षा प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर उठते थे सवाल
अब तक पशुपालन डिप्लोमा की सैद्धांतिक और व्यावहारिक परीक्षाओं में निरीक्षक और पर्यवेक्षक के रूप में सेवानिवृत्त अधिकारियों को नियुक्त किया जाता था। कई बार इस व्यवस्था को लेकर निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शासन सचिव ने इस प्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
नई व्यवस्था के तहत होंगे दो पर्यवेक्षक
डॉ. समित शर्मा ने निर्देश दिए कि अब प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर कम से कम दो पर्यवेक्षक या परीक्षक नियुक्त किए जाएं।
- इनमें से एक अधिकारी राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय से नामित होगा।
- दूसरा अधिकारी पशुपालन विभाग से नियुक्त किया जाएगा।
इस बदलाव से पशुपालन डिप्लोमा परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।