भाजपा के प्रमुख नेताओं में से एक जसवंत सिंह जसोल के पुत्र मानवेंद्र सिंह (Manvendra Singh Jasol) कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में घर वापसी कर सकते है. बताया जाता है कि भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विरोधी गुट मानवेंद्र सिंह के संपर्क में है.
घनश्याम तिवाड़ी की घर वापसी के बाद कई नेताओं की बीजेपी में वापसी के दरवाजे खुल गए हे। इनमें मानवेंद्र सिंह, सुरेंद्र गाेयल, सुभाष महरिया सहित कई नेताओं की वापसी संभव हाे सकती है. इनमें कांग्रेस से लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वालाें के नाम शामिल है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार काे कई नेताओं की वापसी के संकेत भी दिए है.
भाजपा की पृष्ठभूमि में सालों तक काम करने वाले नेता कांग्रेस में जाने के बाद वहां की कार्यशैली और संस्कृति में खुद को नहीं ढाल पा रहे हैं. दोनों ही पार्टियों की कार्य करने के तौर तरीके और नीति-रीति अलग-अलग है. ऐसे में भाजपा में सालों काम करने के बाद कांग्रेस में वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे.
इसके अलावा कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी उन्हें पार्टी के मुख्य धारा से नहीं जोड़ा गया। न ही किसी प्रकार की राजनीतिक नियुक्तियां दी गईं. ऐसे में ये नेता हताश, निराश और परेशान होकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं.
वसुंधरा राजे विरोधी गुट के नेताओं के कारण हो रही घर वापसी
राजस्थान भाजपा में सक्रिय वसुंधरा राजे विरोधी गुट ऐसे नेताओं की घर वापसी के लिए प्रयास कर रहा है जो वसुंधरा राजे से नाराज होकर पार्टी छोड़ गए थे.
तिवाड़ी की तरह की मानवेंद्र सिंह को भी वसुंधरा राजे का विरोधी माना जाता है मानवेंद्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह की राजे से लंबी अदावत रही है.
हालांकि मानवेंद्र के करीबी समर्थक इस बात से इनकार कर रहे हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद से ही जिस तरह से मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में अलग-थलग पड़े हैं, उससे चर्चा है कि वे कांग्रेस की राजनीति में एडजस्ट नहीं हो पा रहे हैं.
दऱअसल मानवेंद्र सिंह 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और उसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समक्ष झालरापाटन से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद लोकसभा चुनाव भी उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।