Mid Day Meal Scheme News: संसदीय समिति (Parliamentary Committee) की रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड डे मील (Mid Day Meal) यानी मध्याह्न भोजन योजना (Madhyan Bhojan Yojana) की दरों (Rates) की वर्ष में कम से कम दो बार समीक्षा (Review) की जानी चाहिए।
संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी मामलों की स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं (Primary and upper primary classes) के बच्चों को उपलब्ध कराए जा रहे मध्याह्न भोजन यानी मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme) की दरों की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जानी चाहिए।
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समिति के अनुसार, देश में फिलहाल सरकारी विद्यालयों (Government School) में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए अभी प्रति दिन प्रति छात्र पांच रुपए ये साढ़े सात रुपए दिए जाते हैं। यह नाकाफी है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार (Central Government) के दावे के अनुसार, देश में अभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक कक्षाओं के साढ़े 11 करोड़ से अधिक विद्यार्थी मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme)के तहत स्कूल में मध्याह्न भोजन प्राप्त करते हैं। इस योजना के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी बढ़ रही है।
संसदीय समिति ने Mid Day Meal Rates को बताया कम
समिति की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षाविदों ने स्कूल में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने की वर्तमान दरों को कम बताया है। उनका सुझाव है कि इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन दरों की नियमित अंतराल में समीक्षा करने का सुझाव भी दिया है। समिति ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं (Primary and upper primary classes) के बच्चों को उपलब्ध कराए जा रहे मध्याह्न भोजन यानी मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme)की दरों की वर्ष में दो बार समीक्षा की जानी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने 19 फरवरी, 2021 को समिति को अपने वक्तव्य में बताया कि एक अप्रैल, 2020 से प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति छात्र प्रतिदिन खाने की लागत 4.48 रुपए से बढ़ाकर 4.97 रुपए की गई है। उच्च प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति छात्र प्रतिदिन लागत 6.71 रुपए से बढ़ाकर 7.45 रुपए हो गई है।
रिपोर्ट में स्कूलों में मध्याह्न भोजन के राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में कहा गया है कि 2020-21 के दौरान विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों के लिए 29.99 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था। 10 फरवरी, 2021 तक सभी राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों के लिए केंद्रीय सहायता राशि के तौर पर 9940 करोड़ रुपए जारी किए गए है।
शिक्षाविद कहते हैं कि जहां तक भोजन की दरों का सवाल है, यह थोड़ी कम है, लेकिन खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाते हैं। हालांकि, इसमें सुधार की गुंजाइश है और इसमें राशि का आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं, ऐसे समय में जब आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही है, तब मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme)की दरों की नियमित अंतराल समीक्षा होना जरूरी है। भले ही साल में दो बार ही समीक्षा की जाए।
अभी सरकारी राशि के अलावा शेष राशि दान, स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जुटाई जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना के तहत छात्रों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के बारे में समिति के प्रश्न पर विभाग ने कहा कि देशभर में 11.20 लाख स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना लागू की गई है और 11.8 करोड़ छात्र योजना के लाभार्थी हैं। इसके अलावा 10.74 लाख स्कूल में उनकी रसोई है, जबकि शेष स्कूल 300 गैर सरकारी संगठनों से पका हुआ भोजन प्राप्त करते हैं।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पांच मार्च, 2021 को समिति को यह सूचित किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परिकल्पना के अनुसार, पूर्व प्राथमिक कक्षा में मध्याह्न भोजन योजना की शुरुआत और मध्याह्न भोजन योजना के तहत नाश्ते के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है।
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News Source: Primary Ka News
News Topics: Parliamentary Committee, Mid Day Meal, Mid Day Meal Scheme, MDM Scheme, Primary Ka Master, Basic Shiksha News, Primary School, School, Education Department.