Ahmedabad | गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad city) की आबादी 65 लाख से अधिक है। यहां महानगरपालिका (Amdavad Municipal Corporation) का बजट आठ हजार करोड़ के करीब है। पर इस शहर के महापौर किरीट परमार (Mayor Kiritbhai Parmar) झुग्गी बस्ती (Slum) में खपरैल वाले एक कमरे में रहते हैं। किसी मजबूरी में नहीं बल्कि सादगी में।
महापौर बनने के बाद परमार अपनी इसी सदगी की वजह से चर्चा में हैं। क्योंकि वे ‘बड़े’ महापौर निवास (Mayor House) में रह सकते हैं। लेकिन वे कहते हैं, ‘मैं इसी घर में रहूंगा। महापौर निवास में नहीं। जरूरत पड़ने पर महापौर निवास को बैठकों आदि कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाएगा। लोगों को राहत दे सकूं, इसके लिए स्थान की नहीं, जज्बे की जरूरत होती है।’
‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ने के बाद मेरा एक ही लक्ष्य रह गया। वह है समाज और देश की सेवा करना। वर्षों से इसी झुग्गी (Slum) में रहता आ रहा हूं। यहां रहने वाले लोग ही मेरा परिवार हैं।’ -मेयर किरीटभाई परमार
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