Jaisalmer News/सुदूर मरुस्थलीय जैसलमेर जिले के बसिया क्षेत्र बईया गांव निवासी सुप्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकार अनवर खां (Anwar Khan) ने मंगलवार को नगर के वरिष्ठ शिक्षाविद् और इतिहासकार नन्द किशोर शर्मा (Nand Kishor Sharma) के जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित निवास पर जाकर शर्मा की कुशलक्षेम पूछी तथा चरणस्पर्श कर आशीर्वाद पाया।
पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित अनवर खां बईया ने अपने दिली उद्गार प्रकट करते हुए अपनी सांस्कृतिक उत्कर्ष यात्रा के लिए नंदकिशोर शर्मा की प्रेरणा और सम्बल को श्रेय दिया और कहा कि गुरुजी नंदकिशोर शर्माजी ने 40 वर्ष पहले जैसलमेर स्थापना दिवस पर जो आशीर्वाद दिया उसी का परिणाम है कि उनका अपार स्नेह और प्रोत्साहन पाकर आज सफलता के शिखरों का वरण करने की अग्रसर हो पाया हूं।
कहा – गुरुवर शर्मा के आशीर्वाद का नतीजा है शिखर सम्मान
अनवर खां ने कहा कि लोक संस्कृति मर्मज्ञ एवं इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा जी के योगदान की बदौलत दुनिया में अच्छी पहचान कायम हुई है।
मशहूर कलाकार अनवर खां ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि शर्मा ने स्वर्ण नगरी को मरु सांस्कृतिक केन्द्र जैसा एक अनूठा अद्भूत मरु संग्रहालय स्थापित कर लोक कलाकारों को अपनी कला साधना का सजीव प्रस्तुतीकरण करने हेतु एक मंच प्रदान किया।
नंदकिशोर शर्मा ने जैसलमेर रियासत की प्राचीन लोक संस्कृति का किया है सरंक्षण
पर्यटन, कला ,इतिहास एवं मरु प्रदेश जैसलमेर रियासत की प्राचीन लोक संस्कृति को अग्रसर करने के लिये बहुमूल्य धरोहरों का जो संरक्षण व संवद्र्धन किया जो अपने आप में अतुलनीय है, जिसे आने वाली पीढियॉं कभी भी इसे भूला नहीं पाएगी।
आज इसका नाम पूरे विश्व में सुविख्यात है तथा हजारों देशी-विदेशी सैलानी इसका दृश्यावलोकन कर लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही विलुप्त होती कठपुतली कला को भी संरक्षण मिला और लोक कलाकारों को रोजगार मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि इतिहास जगत में तो इनकी महारथ हासिल है।
अनवर खां बईया ने जिले के सभी ख्यातनाम लोक कलाकारों की ओर से शर्मा के शीघ्र स्वस्थ होने की मंगलकामना की और कहा कि युगों-युगों तक आने वाली पीढ़ियाँ शर्मा जी के सराहनीय कार्यों को कभी भूला नहीं पाएगी।