#Jaisalmer: जैसलमेर जिले पर मई महीने में एक बार फिर से टिड्डी दल का हमला (Locust Attack) होने की संभावना है, पाकिस्तान के रास्ते टिड्डी दल आने के चलते जिले में सतर्कता बढ़ा दी गयी है. गत वर्ष भी करीब 25 साल बाद जिले पर पाकिस्तान सीमा से टिड्डी दल का हमला हुवा था.
आपकों बता दें कि गत वर्ष मई में रामदेवरा के पास जाजकी गाँव में टिड्डी दल देखा गया था, जिसने प्रजनन कर दिया था टिड्डियों के फाके(locust swarm) ने नाचना, मोहनगढ़ के पूरे नहरी क्षेत्र में फैलाव कर किसानों के खेतों में भारी तबाही मचा दी थी.
टिड्डी दल के खात्मे के नाम पर टिड्डी नियंत्रण विभाग के अफसरों-कर्मचारियों के वारे न्यारे हो गये थे उन्होंने कागजों में ही लाखो लीटर कीटनाशक का स्प्रे कर दिया था जिसकी खबर हमने टिड्डी नियंत्रण वालों की कमाई होगी बंद! शीर्षक से लगाई थी.
एक बार फिर मई महीने में पाकिस्तान से टिड्डी दल भारत में घुस सकता है, जैसलमेर के जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कृषि विभाग व टिड्डी नियंत्रण दल को पत्र लिखकर टिड्डी दल के मई माह में संभावित आगमन पर अग्रिम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
मेहता ने पत्र में बताया है कि तनोट-बबलियान सीमा क्षेत्र से टिड्डी दलों के पुन: आने की संभावना है. ऐसे में संभावित आगमन को रोकने के लिए स्प्रेयर, ट्रेक्टर, गाड़ियां, आवश्यक मात्रा में दवाईयां, नियंत्रण कक्ष की स्थापना तथा सीमा क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में कृषि पर्यवेक्षकों की तैनातगी करने के निर्देश दिए गए हैं.
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जैसलमेर जिले की सीमा में गत मई माह में पहले टिड्डी दल ने प्रवेश किया था, जिले में करीब दो दशक बाद टिड्डी दल का हमला हुआ था. गत मई माह के दौरान कुछ टिड्डी दल आए थे और फसलों को नुकसान पहुंचाया था, इसके बाद लगातार टिड्डी दलों के हमले जारी रहे और नवंबर दिसंबर में तो पूरे जिले में टिड्डी दलों ने आतंक मचा दिया था.
टिड्डी के प्रकोप से निपटने के लिए 4 देशों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और हमारी खबर पर कृषि मंत्रालय ने टिड्डी मामले में उच्च स्तरीय जांच दल भी भेजा था. वंही सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भी टिड्डियों के खिलाफ मोर्चा संभाला था.
टिड्डियों ने जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और जालोर जिलों में करोड़ों की फसलें चौपट कर दी थी. बावजूद इसके संबंधित जिम्मेदार नियंत्रण कर पाने में असफल हो गए थे और कहीं से भी टिड्डी को रोकने में कामयाबी नहीं मिली. हालांकि बाद में टिड्डियों पर ड्रोन से स्प्रे कर उनको खत्म करने का भी प्रयास किया गया था.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था,उन्होंने निर्देश दिया था कि तीन दिन में टिड्डी प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण करें जो आज तक कई किसानों को नहीं मिला है.
सारे सरकारी प्रयास विफल होने पर सरकार ने किसानो को टिड्डी के लिए कीटनाशक (pesticides for locust control) अनुदान पर उपलब्ध करवाए गए थे परन्तु तब तक किसानो की फसलें पूरी तरह तबाह हो चुकी थी, इस बार भी अगर ऐसा हुवा तो कोरोना संकट से परेशान किसानो के लिए टिड्डी दल का हमला झेलना असहनीय होगा.
जैसलमेर जिले की बात करें तो नाचना, भारेवाला, मोहनगढ़ और नोख में टिड्डी दल ने भारी नुकसान किया था. हालाँकि भारत में किसान (Farmers In India) टिड्डियों से तबाह हो रहे थे और पाकिस्तान के लोग टिड्डियो से बने व्यंजन खा रहे थे पढ़ें:-पाकिस्तान और भारत के थार रेगिस्तान में टिड्डी बिरयानी और टिड्डी फ्राई सदियों से खाते रहे है लोग .