Lumpy Virus In Cow: भारत के कई राज्यों में आजकल लंपी वायरस (Lumpy Virus) से गायों में ढेलेदार गांठदार त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease) का प्रकोप हो रहा है। राजस्थान में हजारों गायों की मौत इस लंपी वायरस के कारण हो चुकी है। रोग होने के बाद अंग्रेजी दवाई से ठीक नहीं होता है इसलिए आज हम आपको लंपी वायरस (Lumpy Virus) का आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक (Ayurvedic and Homeopathic Treatment) इलाज बता रहे है।
What Is Lumpy Virus: क्या है लंपी वायरस ?
ढेलेदार त्वचा रोग Lumpy Skin Disease (LSD) को पहली बार 1929 में जाम्बिया में वर्णित किया गया था। अगले 85 वर्षों में यह लगातार अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों और मध्य पूर्व में फैल गया। 2015 में यह वायरस ग्रीस, और काकेशस और रूस में मुख्य भूमि यूरोप में प्रवेश किया। 2016 में यह वायरस पूर्व में बाल्कन में, उत्तर में मास्को की ओर और पश्चिम में कजाकिस्तान में फैल गया। वर्तमान में इसे उच्च परिणाम वाली तेजी से उभरती हुई बीमारी माना जाता है।
लंपी वायरस मच्छरों मक्खियों और कीड़ों के माध्यम से फैलता है, फैलने में संक्रमित मवेशियों की आवाजाही भी एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।। एलएसडी (Lumpy Skin Disease) का प्रकोप गर्म, गीले मौसम के दौरान होता है जबकि आमतौर पर ठंड के महीनों में रोग कम हो जाता है।
लंपी वायरस (Lumpy Virus) के लक्षणों में सामान्य अस्वस्थता, आंखों और नाक से स्राव, बुखार और दूध उत्पादन में अचानक कमी शामिल हैं। प्रभावित मवेशियों में बीमारी की गंभीरता हल्के से लेकर घातक तक हो सकती है। कुछ मवेशियों में बहुत कम संख्या में गांठें विकसित होती हैं जिन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। अन्य में 3 सेमी व्यास तक के असंख्य पिंड विकसित होते हैं।
वायरस या एंटीबॉडी के डीएनए का पता लगाने के लिए उपलब्ध परीक्षणों के साथ, प्रयोगशाला निदान के साथ रोग की पुष्टि की जा सकती है।
Homeopathic Treatment Kit For Lumpy Skin Disease
भारत की प्रसिद्ध होम्योपैथिक पशु चिकित्सा कंपनी (Homoeopathic Veterinary Company HiVet) ने गायों में गांठदार त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease) का होम्योपैथिक उपचार किट (Homeopathic Treatment Kit) प्रस्तुत किया है। कंपनी ने अलग अलग दवाओं का मिश्रण कर लंपी वायरस स्किन बीमारी का किट बनाया है।

HiVet की Septicure, Actinovet और Skin-Cure दवाई को मिलाकर ये किट तैयार किया गया है।
ये किट पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है। इस किट के प्रभाव से पशु एक बार Lumpy Skin Disease से ठीक हो जाता है तो दुबारा लंपी वायरस का असर नहीं होता है।
Video: HIVET LUMPY SKIN DISEASE GOLD KIT
ढेलेदार त्वचा रोग वायरस (Lumpy Skin Disease (LSD)) मवेशियों में एक गंभीर बीमारी का कारण बनता है, जिसकी विशेषता त्वचा में गांठें होती हैं। एलएसडी का संचरण कीट वाहकों के माध्यम से होता है और टीकाकरण नियंत्रण का सबसे प्रभावी साधन है। पिछले पांच वर्षों के दौरान ढेलेदार त्वचा रोग मध्य पूर्व से दक्षिण-पूर्व यूरोप, काकेशस, दक्षिण-पश्चिम रूस और पश्चिमी एशिया में फैल गया है। इस रोग से प्रभावित झुंडों में महत्वपूर्ण आर्थिक परिणामों के साथ काफी नुकसान होता है।