अत्ताउल्लाह खान (Attaullah Khan) पाकिस्तान के मशहूर गायकों में से एक हैं। उन्होंने अपनी मधुर और भावपूर्ण आवाज़ के लिए दुनिया भर में लोगों के दिलों में जगह बना ली है। अत्ताउल्लाह खान का जन्म 19 अगस्त 1951 को पाकिस्तान के ईस्ट पंजाब के जिले मियांवाली में हुआ। उनके परिवार में संगीत का एक गहरा परिचय था, और उन्होंने बचपन से ही गायन की प्राथमिकता बना ली थी।
अत्ताउल्लाह खान ने अपनी संगीत की पढ़ाई नहीं की थी, बल्कि उनका गायन उनकी प्राकृतिक आवाज़ और जीवन के अनुभवों से प्रेरित है। उन्होंने अपनी पहली लाइव प्रदर्शनी 1976 में की, जहां उनकी आवाज़ ने लोगों को मोहित कर दिया। उनके गानों में मोहब्बत, दर्द, और उम्मीद के भाव व्यक्त होते हैं, जिसके कारण उन्होंने अपने श्रोताओं का दिल जीत लिया है। वे पाकिस्तानी लोक संगीत और घ़ज़ल के प्रमुख प्रतिनिधि हैं और उनके गाने लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध हैं।
1991 में अत्ताउल्लाह खान को सबसे ज्यादा म्यूजिक एलबम के विश्व रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक में नाम दर्ज किया गया था। भारत में गुलशन कुमार की कंपनी टी-सीरिज ने अत्ताउल्लाह खान के पञ्जाबी सराइकी गीतों को उर्दू में बदल कर पेश किए जो काफी प्रसिद्ध हुवे। बाद में अत्ताउल्लाह खान की कहानी पर फिल्म ‘बेवफा सनम’ बनी जिसके गाने सुपरहिट हुवे।
अत्ताउल्लाह खान के कुछ प्रसिद्ध गीतों में “ईश्क़ आवारा”, “प्यार नालों रंग चढ़दा”, “इश्क़ में हम तुम्हें क्या बताएँ”, “जुदाई बेवफ़ाई” और “वो दिल कुछ और था” शामिल हैं। उन्होंने लगभग 50 सालों तक अपना संगीतीय करियर बनाए रखा है और उनके गीत आज भी लोकप्रिय हैं। अत्ताउल्लाह खान को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें पाकिस्तानी सिनेमा और संगीत अवार्ड्स शामिल हैं। उन्होंने अपनी लोकप्रियता के बावजूद मानवाधिकार और सामाजिक मुद्दों पर उठाए गए कई मुद्दों का समर्थन किया है।
अत्ताउल्लाह खान एक मार्क्सवादी संगठन के समर्थक हैं और उनके गानों में आम आदमी की पीड़ा, समाजिक असमानता और न्याय के मुद्दे पर जोर दिया गया है। उनकी गायन की प्रभावशाली आवाज़ और उनके साहसिक गीतों ने उन्हें पाकिस्तानी संगीत इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कराया है।