चंद्रमा पर दिन और रात: विज्ञान और सनातन धर्म, दोनों ही अपने-अपने तरीके से ज्ञान का संचार करते हैं। जहाँ विज्ञान विचारिक और प्रयोगात्मक तरीके से ज्ञान देता है, वहीं सनातन धर्म अधिकार और अनुभव पर आधारित है।
चंद्रमा पर दिन और रात की अवधि के बारे में वैज्ञानिक तथ्य यह है कि चंद्रमा का एक घूर्णन और पृथ्वी के चारों ओर एक परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूरा होता है। इसका मतलब है कि चंद्रमा के एक पक्ष पर लगभग 13.6 दिन तक दिन और फिर उसी अवधि में रात होती है।
अब, सनातन धर्म में, हिन्दू चंद्रमा के चक्र को दो अवधियों में विभाजित करते हैं: शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष में, चंद्रमा क्रमशः बढ़ता है और पूर्णिमा पर पूर्ण रूप में दिखाई देता है। वहीं, कृष्ण पक्ष में चंद्रमा क्रमशः घटता है और अमावस्या पर पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है।
इस प्रकार, सनातन धर्म में हजारों सालों से चंद्रमा के चक्र का वर्णन किया जा रहा है, जो अपने आप में चंद्रमा के वैज्ञानिक चक्र के साथ समानता दिखाता है। यह बताता है कि प्राचीन भारतीयों के पास खगोल विज्ञान की अच्छी समझ थी और वे इसे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं में शामिल करते थे।