भारत में प्रायः सभी धर्मों के लोग पूजा पाठ और कर्म कांड में अगरबत्ती (Agarbatti)और धूप बत्ती (Dhoop Batti) का प्रयोग बड़े पैमाने पे करते है। भारत में अगरबत्ती उधोग (Incense Stick Business) बहुत बड़ा है और ज्यादातर कंपनियां अगरबत्ती और धूप बत्ती दोनों तरह की सुगंधी तैयार करती है। आज हम Dharma Karma में चर्चा करेंगे की वास्तु शास्त्र ( Vastu Shastra) के अनुसार घर में अगरबत्ती जलाना ठीक है या धूप बत्ती।
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त्योहारों पर अगरबत्ती की खपत 30% से 40% तक बढ़ जाती है
भारत 150+ देशों को निर्यात के साथ अगरबत्ती का सबसे बड़ा निर्यातक है, जैसे अमेरिका, यूके, मलेशिया और नाइजीरिया शीर्ष बाजार हैं। त्योहारों के मौसम में अगरबत्ती की खपत लगभग 40-50 प्रतिशत बढ़ जाती है, क्योंकि यही वह समय है जब देश एक साथ जश्न मनाता है और प्रार्थना करता है।
अगरबत्ती अथवा धूप बत्ती ! | Agarbatti Vs Dhoop Batti

आगे बढ़ने से पहले हमें ये जानना होगा कि अगरबत्ती और धूप बत्ती का निर्माण कैसे किया जाता है। अगरबत्ती बनाने के लिए बांस की सींक (Bamboo Stick) पर कोयले, गुग्गुल , राल, चंदन, लकड़ी और खुशबू के लिए एशेन्सियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि धूप बत्ती में बांस का प्रयोग नया करके मसाले को सीधा ही बेल कर छड़ों के रूप सूखा लिया जाता है।
घर अथवा दुकान में अगरबत्ती जलाना क्यों अशुभ है ?
घर में अगरबत्ती नहीं जलाने का सबसे बड़ा कारण है कि अगरबत्ती बांस से बनी होती है और हिन्दू शास्त्रों में बांस को घर में जलाना वर्जित है। नियम अनुसार किसी भी हवन अथवा पूजन विधि में बांस को नहीं जलाते हैं। यंहा तक कि चिता में भी बांस की लकड़ी को अन्य लकड़ियों के साथ जलाना वर्जित है। हालांकि अर्थी के लिए बांस की लकड़ी का उपयोग होता है लेकिन उसे भी जलाया नहीं जाता है।
हिन्दू शास्त्रो में पूजन विधान में अगरबत्ती का उल्लेख नहीं
हिन्दू शास्त्रो में पूजन विधान में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धूप ही लिखा है। अगरबत्ती का उपयोग भारत में मुगलों के आगमन के बाद होने लगा। कई हिन्दू धार्मिक संस्थाएं ऐसी अगरबत्ती बनाने लगी हैं, जिनमें बांस का उपयोग नहीं होता है।
जिस बांस की लकड़ी को जलाना शास्त्रों में वर्जित है उस बांस की लकड़ी को लोग प्रतिदिन अगरबत्ती में जलाते हैं। जिन घरों में ज्यादा अगरबत्ती का उपयोग होता है,उन घरों में कई तरह की बीमारियां घर कर लेती हैं।
घर में अगरबत्ती जलाने का ग्रहों पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में लकड़ी और कोयले को शनि (Sahni) का प्रतीक माना गया है, मंगल (Mangal) को अग्नि का और धुएं को राहू (Rahu) का, जब भी अगरबत्ती जलाते है तो शनि, राहू और मंगल यह तीनों ग्रह एक साथ सक्रिय हो जाते है।
शास्त्रों के अनुसार बांस जलाने से पितृ दोष लगता है
ज्योतिष शास्त्र में शनि मंगल और राहू की युति — “अंगारक योग” को बड़ा ही खराब माना गया है यदि हम ही अपने आचरण से घर में अगरबत्ती जलाकर अंगारक योग का निर्माण करते रहेंगे तो इससे पितृ दोष उत्पन्न होता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार बांस को बहुत ही ज्यादा शुभ माना गया है। शादी, जनेऊ, मुण्डन जैसे शुभ कार्यों में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाए जाते हैं। कहा जाता है कि बांस की लकड़ी जलाने से वंश नष्ट हो जाता है।
भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) अपने पास हमेशा बांस की बांसुरी (Bamboo Flute) रखते थे। भारतीय वास्तुविज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है।
वास्तु और विज्ञान के अनुसार घर में अगरबत्ती जलाने के नुकसान
अगरबत्ती में प्रयुक्त बांस में लेड व हेवी मेटल प्रचुर मात्रा में होते हैं। लेड जलने पर लेड आक्साइड बनाता है जो कि एक खतरनाक नीरो टॉक्सिक है हेवी मेटल भी जलने पर ऑक्साइड्स बनाते हैं।
गाय के गोबर से बनी धूप बत्ती का उपयोग करें
घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए देशी गाय के गोबर (Cow Dung) से बनी धूपबत्ती का प्रयोग करना चाहिए अथवा गाय के गोबर का उपला जलाकर उस पर गुग्गुल आदि डालकर धूप करना चाहिए।
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- हिन्दू शास्त्रो में पूजन विधान में अगरबत्ती का उल्लेख नहीं
- घर में अगरबत्ती जलाने का ग्रहों पर प्रभाव
- शास्त्रों के अनुसार बांस जलाने से पितृ दोष लगता है
- वास्तु और विज्ञान के अनुसार घर में अगरबत्ती जलाने के नुकसान
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