The astrological cause of corona infection on Amitabh Bachchan By Pandit Dayanand Shastri.
किसी भी जातक की जन्म पत्रिका (में केतु और शुक्र का मिलन, कोरोना (अज्ञात,आकस्मिक रोग) और इन्फेक्शन के कारक बनते हैं ।
Amitabh Bachchan kundali:-श्री अमिताभ बच्चन (Bollywood Actor Amitabh Bachchan) का जन्म सन् 11 अक्टूबर 1942 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में हुआ था। उनका जन्म राहु की महादशा में हुआ था जो कि 1955 तक उनके जीवन को प्रभावित करती रही। इस दशा ने उनको एक नेक इंसान बनाया क्योकि लग्न में केतु के कारण ऐसा इंसान नेक दिल व दूसरों की मुसीबत अपने सर पर लेने वाला होता है परंतु उनकी कुंडली उनके काम व सेहत को लेकर अनेक संमस्या उनके जीवन में उत्पन करती रही।
सन् 1971 से 1990 तक का अरसा शनि का था जोकि उनकी सेहत व माँ की सेहत को प्रभावित करता रहा तथा सूर्य, शुक्र, मंगल व बुध ने आठवे घर में बैठकर उनके अंदर प्रेम की भावना पैदा करी जिसके कारण उनका आकर्षण रेखा (Actress Rekha) से रहा परंतु सन् 1973 में उनका विवाह जया भादुड़ी (Jaya Bhaduri) से सम्पन्न हुआ और इसी के चलते उनकी कुंडली में एक योग और भी आया कि अगर उनका उनका बेटा गुरुवार के दिन जन्म लेगा तो वह अपनी जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे और अभिषेक (Abhishek Bachchan) का जन्म गुरुवार को ही हुआ और उस दौर के बाद अमिताभ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
परन्तु सातवें घर में राहु तथा आठवें घर में शुक्र ने पत्नी का गुस्सा बढ़ाया और उनकी सेहत को खराब करने का भी काम किया तथा सन् 1990 से 2007 तक बुध की दशा रही जोकि उनके अपने काम-काज व सेहत के लिए बिल्कुल अच्छी साबित नहीं हुई क्योकि बुध आठवें घर में बैठ व्यक्ति का काम-काज व मानसिक दिक्कतें प्रदान करता है तथा तभी उन्होंने नीलम (Neelam Stone) का सहारा प्राप्त करते हुए इस दौर में भी सामान्य जीवन व्यतीत किया। बुध, मंगल, शुक्र की युति ने उनको पेट से सम्बंधित दिक्कते व खून से सम्बंधित दिक्कतों का सामना करवाया जैसे की लीवर से सम्बंधित।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार अमिताभ बच्च्न का लग्न कुंभ है। यह स्थिर व पृथ्वी तत्व प्रधान लग्न है। पृथ्वी तत्व होने से ऐसे जातक जमीन से जुड़े होते है अर्थात जनता के मध्य रहना भी इस तत्व का कारक है। शास्त्रों के अनुसार धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वालों का फल- धनिष्ठा नक्षत्र में जन्म होने से जातक संगीत प्रिय, सुवर्ण रत्नों से युक्त, दाता, धनी, सुखी, आशान्वित और बन्धुओं से मान्य होता है। जातक विनययुक्त, प्रतिष्ठित, शीलयुक्त, बलवान, दयालु तथा सैकड़ों व्यक्तियों का पालक किंतु धन का लोभी होता है।
आधुनिक मत से धनिष्ठा के तृतीय चरण में जन्म होने से जातक वैज्ञानिक मस्तिष्क वाला, कार्य तत्पर, अनुसंधानकर्ता, धर्म के प्रति श्रद्धा रखने वाला, प्रेम अथवा मित्रता के क्षेत्र में विश्वासपात्र, समाज अथवा संगठन का प्रेमी होता है। ऐसा जातक चंचल बुद्धि वाला, क्रोधी, जल्दी ही उत्तेजित हो जाने वाला, शीघ्र ही प्रत्युत्तर देने वाला, अपने कार्यों की प्रशंसा करने वाला तथा तकनीकी कार्यों में निपुण होता है।
कुंभ लग्न में केतु स्वभाव से जिद्दी भी बना देता है व आवाज में भारीपन आ जाता है। अमिताभ आवाज के दम पर ही फिल्मों में सफल भी रहे।
पंचम (मनोरंजन भाव) का स्वामी नीच के शुक्र के साथ है जो भाग्य के साथ सुख भाव का भी स्वामी है। इससे नीच भंग योग बन रहा है। यह योग जीवन में उतार-चढ़ाव के बाद सफलता का मुकाम देता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार लग्न व द्वादश भाव का स्वामी वक्री है इसीलिए अमिताभ के जीवन में कई प्रतिकूल हालात आए। राजनीति में असफलता के अलावा फिल्मों में भी असफलता का दौर देखा। लेकिन अमिताभ की जीवटता ने ही उन्हें कामयाब बनाया। इसका कारण भाग्य का नीच भंग होना है। पंचम (मनोरंजन भाव) का स्वामी उच्च होकर दशमेश व पराक्रमेश के साथ होना भी इसका कारण रहा।
इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। यह दशा सन् 2014 से 2034 तक उनके जीवन में अनेक मुसीबतें लेकर आयेगी। इस दशा में उनको व उनकी पत्नी की सेहत व स्वभाव में परिवर्तन देखने को मिलेगा तथा पत्नी का गुस्सा बढ़ाने का काम करेगी तथा रुपये पैसे का ख़राब होना भी संभव होगा और अस्पताल के चक्कर भी काटने पड़ेंगे क्योकि यह दशा उनकी सेहत को पूरी तरह खराब व जोश गिराने का काम करेगी।
2013 दिसम्बर से आपकी शुक्र की विंशोत्तरी दशा शुरू चल रही है जो की आपके भाग्य स्थान (9th house lord ) का स्वामी है, अवश्य ही ये शुक्र भाग्य में कुछ परिवर्तन लाएगा कुछ मीठे और कुछ खट्टे , क्योंकि ये शुक्र अपने भाव से बारहवे याने अष्टम भाव में बैठा है जो बुरा भाव माना जाता है, साथ ही दुर्घटनाओं और अवरोधों का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि जैसे-जैसे शुक्र में सूर्य, चन्द्र और अन्य अंतर्दशाओं का दौर आएगा परिस्थितियां विपरीत होने का भय भी बढ़ेगा, वैसे कुंडली में उपस्थित अन्य योग आने वाले दिनों में इसी तरह ऊर्जावान बना कर परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता और ऊर्जा प्रदान करते रखेंगे।
2014 से कई बार उन्हें पेट से सम्बंधित इंफेक्शन हुआ और वे अस्पताल में भर्ती हुए ।
वर्तमान में वे 22 सितम्बर 2020 तक वे शुक्र की महादशा -चंद्र की अंतर्दशा -शुक्र की प्रत्यन्तर दशा में हैं ।
लग्नेश शनि वक्री होकर अष्टम भाव को देख रहा है इसलिये 2023 तक का समय शुभ नहीं है क्योंकि शनि गोचर में मकर से कुम्भ में 2023 तक गोचर करता रहेगा ।
कोरोना को भी बच्चन जी को गंभीरता से लेना होगा ।
कुम्भ लग्न और तुला राशि में जन्मे अमिताभ बच्चन की कुंडली ने उन्हें बहुत से उतार चढाव दिए, चार प्रमुख ग्रह अष्टम भाव में है जिसे रुकावटों और मृत्यु का भाव कहा जाता है , यही कारन रहा की वे स्वास्थ्य की परेशानियां समय समय पर झेलते रहे।
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार अमिताभ बच्चन का लग्न कुंभ है और राशि है तुला। दोनों ही वायु तत्व के मामले हैं। वायु के अंदर प्रसार बहुत होता है। इससे व्यक्ति की प्रसिद्धि वायु की तरह चारों दिशाओं में फैल जाती है। लग्न में केतु है और सप्तम के राहु बैठा है। केतु और राहु के अंदर रूप बदलने की क्षमता है। इसलिए जब किसी अभिनेता की कुंडली में केतु और राहु प्रभावशाली हो जाते हैं तो व्यक्ति अलग तरह के रोल कर पाता है। कई तरह के अभिनेय करने की शक्ति होती है। अमिताभ की कुंडली के चौथे भाव में शनि बैठा है। यही शनि उन्हें महानायक बनाता है। क्योंकि शनि यहां बहुत प्रबल है। मंगल और सूर्य के वजह से इनके स्वास्थ्य की समस्याएं बनी रह सकती हैं।
।।ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें, यही मंगलकामना।
।।शुभमस्तु।।