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गौरी-शंकर रूद्राक्ष धारण से बढ़ता हैं दांपत्य सुख और पति-पत्नी में प्रेम

Gauri-Shankar Rudraksha Wearing increases marital happiness and love in husband and wife

by Pandit Dayanand Shastri
22 August, 2020 - Updated on 11 March, 2021
in Astrology
Gauri Shankar Rudraksha By Pandit Dayanand Shastri Ujjain Wale

Gauri Shankar Rudraksha By Pandit Dayanand Shastri Ujjain Wale

प्राकृतिक रूप से जुड़े दो रूद्राक्षों को गौरी शंकर रूद्राक्ष (Gauri-Shankar Rudraksha) कहा जाता है। यह रूद्राक्ष भगवान शिव एवं माता पार्वती का प्रत्यक्ष स्वरूप है।

इसे धारण करने वाले को शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है। शिव-पार्वती जैसा दांपत्‍य सुख पाने के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष उत्तम है। भगवान शिव और मां पार्वती का प्रत्‍यक्ष रूप है गौरी शंकर रुद्राक्ष।

इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव और मां पार्वती दोनों की कृपा प्राप्‍त होती है।इसीलिए जो भी व्‍यक्‍ति इस रुद्राक्ष को धारण्‍ करता है उसका वैवाहिक जीवन सुख से भर जाता है।

पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की गौरी शंकर रुद्राक्ष माता पार्वती एवं भगवान शिव का प्रतीक है जैसा क नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह रुद्राक्ष शिव पार्वती जी की एक अदभुत संगम का रुप है.

इसे धारण करने से सभी प्रकार के दांपत्य सुखों की प्राप्ति होती है. जीवन साथी रुप में यह रुद्राक्ष पति -पत्नी के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाता है तथा उनमें एकात्म का भाव जागृत करता है.

दांपत्य सुख एव्म शांति के लिए गौरी शंकर रुद्राक्ष को सर्वश्रेष्ट माना जाता है. यह अंतर्दृष्टि को विकसित करने के लिए उपयोगी है हमारे स्वयं की कमी को पहचानने में तथा अपनी कमियों को दूर करने में मदद करता है.

प्राकृतिक रूप से युग्म रुप में जुडा़ हुआ यह रुद्राक्ष शिव और शक्ति के मिलन रुप का यह अमूल्य रुद्राक्ष भक्ति एवं आस्था का उत्तम रुप है. इस रुद्राक्ष को उपयोग में लाने से भगवान शिव और माता पार्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गौरी शंकर रुद्राक्ष मोक्ष प्राप्ति में भी लाभदायी है. इस रुद्राक्ष को तिजोरी में रखें किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक क्षति नहीं होगी, आप उन्नति प्राप्त कर सकेंगे. यह रुद्राक्ष पूजा घर में रखना अत्यंत उत्तम होता है.

गौरी शंकर रुद्राक्ष एक दुर्लभ रुद्राक्ष है. यह विशेष रूप से एक ओर मां गौरी का प्रतिनिधित्व करता है और अन्य भगवान शंकर का प्रतिनिधित्व करता है. यह रुद्राक्ष बनाता है परिवार में शांति और सुख के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.

पंडित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार इस रुद्राक्ष का पूजन दर्द और पीड़ा और अन्य सांसारिक बाधाओं को नष्ट कर देता है. जिनके विवाह में अनावश्यक विलम्ब हो रहा हो, उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए.

भगवान शिव और देवी के एकीकृत रूप की पहचान यह रुद्राक्ष ब्रह्मांड के विकास और विस्तार का कारण बनता है. इसलिए यह माना जाता है कि परिवार में शांति और आराम के लिए यह सबसे अच्छा है.

प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख है कि यह रुद्राक्ष पुण्य (अच्छा कर्म) देय है. पुराणों में गौरी शंकर रुद्राक्ष को पारिवारिक जीवन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. यह रुद्राक्ष सात्विक प्रकृति को इंगित करता है, सर्वसिद्धिदायक तथा मोक्ष दायक माना गया है.

यह रूद्राक्ष गृहस्थ सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इसलिए जिन लोगों का दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है, या जिन युवक-युवतियों के विवाह में विलंब हो रहा है उन्हें गौरी शंकर रूद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

जिन स्त्रियों को संतानसुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है या गर्भ से संबंधित कोई समस्या है उन्हें भी यह रूद्राक्ष जरूर पहनना चाहिए।पारिवारिक शांति और वंश वृद्धि में भी यह रुद्राक्ष सहायक माना गया है |

आजकल गौरी शंकर रुद्राक्ष बाज़ार में नकली भी बनाए जाते हैं इसलिए विश्वसनीय स्थान से ही खरीद के धारण करने चाहिए | पुरुषों को इस रुद्राक्ष को चांदी की कटोरी में स्थापित करके केमिकल रहित सुगन्धित द्रव्य से अभिमंत्रित करना चाहिए | पुरुषों को सभी रुद्राक्ष का कंठा धारण करने के अतिरिक्त इस रुद्राक्ष को धारण नहीं करना चाहिए |

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं की यह रुद्राक्ष शिव पार्वती के आशीर्वाद से अर्धनारीश्वर का स्वरुप है इसलिए सभी उम्र की स्त्रियों को इसे धारण करना चाहिए ताकि जीवन में हर प्रकार की सुख शान्ति प्राप्त की जा सके|

आइए जानते हैं गौरी शंकर रूद्राक्ष को कब और कैसे धारण करें और यह किन समस्याओं के निराकरण में सहायक होता है?

गृहस्थ जीवन में सुख-शांति के लिए धारण करें ये रूद्राक्ष

गृहस्थ जीवन में सुख-शांति और आपसी प्रेम बढ़ाने में गौरी शंकर रूद्राक्ष चमत्कारिक रूप से कार्य करता है। जिन लोगों को पारिवारिक सुखों की कमी है वे यह रूद्राक्ष पहनें। पारिवारिक शांति और वंश वृद्धि में भी यह रूद्राक्ष सहायक माना गया है। जिन स्त्रियों को गर्भ ठहरने में समस्या है वे इसे धारण करें।

आध्यात्मिक राह पर चलने की इच्छा रखने वाले लोग इस रूद्राक्ष को चांदी की चेन में धारण करें। इससे उन्हें अंतदृष्टि विकसित होती है। इस रूद्राक्ष को अभिमंत्रित करके तिजोरी में रखने से कभी आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।

यौन समस्याओं को दूर करता है गौरी शंकर रूद्राक्ष

जिस घर में गौरी शंकर रूद्राक्ष होता है वहां बुरी शक्तियों का साया नहीं मंडराता। बुरी नजर से बचाव होता है। जिन स्त्री या पुरुषों को कोई यौन समस्या है वे भी यह रूद्राक्ष धारण करें, समस्या समाप्त हो जाएगी। गौरी शंकर रूद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। बार-बार व्यक्ति बीमार नहीं पडता हैं।

जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो या कोई बाधा आ रही है तो उन्‍हें गौरी रुद्राक्ष धारण करने से अवश्‍य ही फायदा पहुंचता है। जिन स्त्रियों को गर्भ से सम्बंधित कोई समस्या हो उनके लिए भी यह लाभकारी हो सकता है।

कैसे और कब धारण करें गौरी शंकर रूद्राक्ष

गौरी शंकर रूद्राक्ष भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतीक है। इस रूद्राक्ष को शुक्ल पक्ष में सोमवार, मास शिवरात्रि, रवि पुष्य संयोग अथवा सवार्थ सिद्धि योग में अभिमंत्रित करके पहनना चाहिए। शुभ संयोग में इस रूद्राक्ष को सिद्ध करने के लिए सबसे पहले प्रात:काल दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर अपने पूजा स्थान में पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं।

पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि गौरी शंकर रूद्राक्ष को धारण करने से पूर्व चांदी की कटोरी में स्थापित करके उसे गंगाजल और कच्चे दूध के मिश्रण से अच्छे से धो लें और साफ कपड़े से पोछ लें। अब चांदी की कटोरी को खाली करके सुखाकर उसमें पुन: गौरी शंकर रूद्राक्ष स्थापित करें। इस पर चंदन और अक्षत अर्पित करें। अब एक-एक माला ऊं नम: शिवाय, ऊं नम: दुर्गाए और ऊं अर्धनारीश्वराय नम: मंत्र की जपें। तीनों मालाएं पूरी होने के बाद रूद्राक्ष को चांदी की चेन या लाल धागे में डालकर गले में धारण करें।

जानिए गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने के लाभ

गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य अनुकूल रहता है, आयु में वृद्धि होती है गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से बुद्धि प्रतियोगिता परिक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है|

गौरी शंकर रुद्राक्ष इसे धारण करने से गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी के मध्य प्रेम तथा विशेष सुख शांति प्राप्त होती है| और कलह कलेश का अंत होता है एक दूसरे के लिए विश्वास उत्पन्न होने लगता है यह रुद्राक्ष धन वृद्धि और व्याप्पर में भी सहायक होता है.

गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से पुरुषों को स्त्री सुख मिलता है आपकी पत्नी आपको सम्मान देने लगती है और इससे आपके घर में खुशिया आती है यह रुद्राक्ष स्वस्थ्या के लिए भी बहुत लाभदायक है.

इसमें संतान प्राप्ति के लिए जिन स्त्रियो को परेशानी आती है या गर्भ से संबंधित कोई समस्या है वह गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करे तो जल्दी लाभ मिलता है.

गौरी शंकर को धारण करने की विधि

इस रुद्राक्ष को धारण करते समय पहले गायत्री मंत्र का जाप करें। उसके बाद ॐ नमः शिवाय मन्त्र बोलते हुए धारण करे से इसको धारण करने के बाद एक एक-एक माला रोज़ निचे लिखे मन्त्रो की करे मंत्र:- ॐ गौरीशंकराय नम: | ॐ सं श: दुर्गाय नमः और ॐ अर्ध्नारिश्वराए नमः रोज़ माला करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

गौरी शंकर रूद्राक्ष अत्यंत सिद्ध, चमत्कारिक और पवित्र होता है। अत: इस रूद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए।

चोरी, डकैती, अपशब्द कहना, स्त्रियों का अपमान, बच्चों से दुर्व्यवहार, मांस-मदिरा का सेवन, सूदखोरी, परस्त्री पर बुरी नजर जैसे समस्त त्याज्य कर्मों से दूर रहना चाहिए।

जो व्यक्ति गौरी शंकर रूद्राक्ष धारण करने के बाद भी ये सभी गलत कार्य करता है, उस पर उल्टा असर होता है और भयानक संकटों में फंस जाता है।

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