“क्यों हार गए जीवन का दंगल”
बेबाक वाचन शैली और तथ्यात्मक पत्रकारिता से बनाई विलक्षण पहचान।
दो मासूमों से पिता को छिनने की इतनी क्या जल्दी थी भगवान॥
मीडिया जगत को लगा है गहरा और अविश्वसनीय आघात।
परिवारजन और शुभचिंतकों के लिए यह तो है वज्रपात॥
रोहित सरदाना थे निर्भीक, दबंग और ऊर्जावान।
स्तब्ध है हम सब, क्यों हुआ अकस्मात उनका देहावसान॥
पत्रकारिता जगत के तुम तो थे देदीप्यमान नक्षत्र।
नहीं भूलेंगे हम 2021 का यह क्रूर और निष्ठुर सत्र॥
सच्चा देश भक्त, प्रखर युवा पत्रकार कर गया असमय देवलोकगमन।
सभी प्रशंसको का यह देखकर पीड़ित है मन॥
निष्पक्षता और प्रामाणिकता से किया दिलों पर राज।
तुम्हारी प्रभावी और बेबाक पत्रकारिता पर तो है भारतीयों को नाज॥
प्रतिष्ठित न्यूज़ एंकर ने पाया था गणेश विद्यार्थी पुरस्कार।
निष्पक्ष पत्रकारिता की चला दी थी सुखद बयार॥
नवरात्र पर करते थे कन्या पूजन और मातृशक्ति को नमन।
पिता की छत्रछाया बिन कितना व्यथित होगा मासूमों का मन॥
मीडिया जगत के नायाब हीरे थे रोहित सरदाना पत्रकार।
डॉ. रीना कहती है ईश्वर अब तो खत्म करो ये कोरोना हाहाकार॥
-डॉ. रीना रवि मालपानी (Dr. Reena Ravi Malpani) (कवयित्री एवं लेखिका)
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